* हाई कोर्ट में कुल 689 मामलों की रिपोर्ट जमा
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच को लेकर सीबीआई और विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने कलकत्ता हाई कोर्ट को अपनी एक और स्टेट्स रिपोर्ट सौंपी है। बता दें कि गत 8 नवंबर को हाई कोर्ट ने सीबीआई और एसआईटी से नई स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा था।
इसी के तहत सोमवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ में सीबीआई और एसआईटी ने चुनाव बाद हिंसा मामले में नई जांच रिपोर्ट जमा दी। बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 50 से अधिक प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है और कई मामलों में निचली अदालत में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।
इसके पहले चार अक्टूबर को सीबीआई और एसआईटी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सौंपी थी। उसके लगभग एक महीने के बाद सोमवार को फिर से उक्त मामले पर सुनवाई हुई। इसमें हाई कोर्ट ने फिर से रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। उसी अनुसार यह रिपोर्ट जमा दी गई है। चुनाव बाद हिंसा के 689 मामलों में से 10 मामलों को छोड़ कर बाकी पर रिपोर्ट दी गई है। शेष दस मामले पर एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाएगी और जांच में प्रगति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
एसआईटी की ओर से भी कई मामलों में चार्जशीट दी जा चुकी हैं। शेष मामलों की जांच रिपोर्ट अगली सुनवाई के दिन एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया गया है। सीबीआई ने 50 प्राथमिकी दर्ज की है, जो लोग अब भी बिना मकान के हैं इसे लेकर निर्देश दिया गया है कि उनकी सूची महाधिवक्ता को दी जाए, ताकि संबंधित अधिकारी मामले को देख सके।
* भाजपा नेता टिबरेवाल ने बेघर लोगों के वापस लौटने का उठाया मुद्दा
दूसरी ओर, वादी वकील व भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने शुरू में शिकायत की कि श्यामनगर में कई लोग काम पर नहीं लौट पा रहे हैं। उन्हें धमकाया जा रहा है। महाधिवक्ता ने कहा कि जिस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है। यह मैनेजमेंट के साथ उनकी समस्या है। यूनियन की समस्या है। भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि प्रबंधन की गड़बड़ी है।
इस पर प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि पत्र वोट से पहले लिखा गया था। बाद में इलाके के तृणमूल के लोगों ने उन्हें काम पर नहीं लौटने दिया। वादी ने उस दिन अतिरिक्त हलफनामों के साथ मामले की जानकारी दी। महाधिवक्ता ने कहा कि शेष मामले में डीजीपी को बताया गया था कि वह संबंधित अधिकारी से बात कर रहे हैं। सीबीआई की ओर से कहा गया है कि जो गंभीर मामले नहीं हैं उन्हें एसआईटी को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। वादी पक्ष के एक अन्य वकील शमीम अहमद ने कहा कि बेवसाइट पर कुछ जानकारी नहीं दी गई है। एसआईटी जो रिपोर्ट दे रही है उसकी एक प्रति दें।