Gangasagar से केंद्र सरकार सौतेला व्यवाहार कर रही है: संजय दास

Business National West Bengal

गंगासागरः पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 जिले के गंगासागर जो हिन्दुओं का विख्यात तीर्थ स्थलों में से एक है। गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी का मिलन स्थल स्थल को गंगासागर के नाम से पहचाना  जाता है।

मान्यता है कि गंगासागर में राजा सगर के 60 पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। गंगासागर में लगने वाले मेले को राज्य सरकार लंबे समय से राष्ट्रीय मेला घोषित कर रही है। आरोप है कि केंद्र सरकार इस मांग को अनसुना कर रही है। केंद्र के इसी रवैये पर गंगासागर के कपिलमुनि मंदिर के मंहत ज्ञानदास महराज के उत्ताधिकारी संजय दास ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर दिए।

गंगासार से केंद्र कर रही सौतेला व्यवहार : ज्ञानदास महाराज

ज्ञानदास महाराज ने बताया कि केंद्र सरकार देश में अयोध्या, काशी विश्वनाथ जैसे सभी मंदिरों पर विशेष ध्य़ान देकर उनपर अपनी कृपया कर रही है। पर जब  पश्चिम बंगाल की बारी आता है। तब इसे  विश्व प्रसिद्ध मंदिर दर्जा नही दे रही।

उन्होंने कहा कि मोदी जी प्रधानमंत्री बनने के बाद एक बार गंगासागर नहीं आये, जबकि वे देश भर में मंदिरों का भ्रमण करते रहते हैं। संजय दास ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दम पर गंगासागर मेला की पुरी तरह व्यवस्था करवाती है। ज्ञानदास महाराज ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि दीदी हमेशा ही मानव समाज की बात करती है। बीजेपी का नाम नही लेते हुए उन्होंने राम के नाम पर लोगों को भ्रमित करने की बात कही। जिसे राम को प्रचार का माध्यम बना दिया गया है.

सागर का बढ़ता जल बन कपील मुनी मंदीर के लिए खतर

ज्ञानदास ने कहा का सागरतट में समुद्र का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते जल स्तर से कपिम मुनी मंदिर को काफी नुकसान पहुंच सकता है। जिसे हर संभव बचाने के लिए राज्य सरकार काफी कोशिश कर रही है।

गंगासार में समुद्र की तेज लहरों को रोकने के लिए अस्थायी गार्ड वाल बनाया गया है। यह सभी कोशिशें पश्चिम बंगाल सरकार कर रही है। इसे करने के लिए केंद्र सरकार को भी मदद करनी चाहिए।

गंगासगर में अब हर साल होगी सागर आरती

संजय दास ने कहा कि गंगा सागर में राज्य सरकार द्वारा भव्य व दिव्य गंगा आरती की जा रही है. इसके सामने काशी व बनारस की गंगा आरती भी फीकी पड़ रही है.

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