बीएसएफ जवानों पर हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में दो बांग्लादेशी तस्कर ढेर

Forces West Bengal

कोलकाता : बंगाल के नदिया जिले में भारत- बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ जवानों और मवेशी तस्करों के बीच फिर मुठभेड़ हुई है। मवेशियों को सीमा पार कराने के इरादे से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगे स्मार्ट फेंसिंग (तारबंदी) को रात के अंधेरे में काटकर भारतीय सीमा में घुसकर जबरन तस्करी का प्रयास कर रहे बांग्लादेशी तस्करों के दल ने रोके जाने पर ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ जवानों पर लाठी व हथियारों से हमला कर दिया।

जिसके बाद आत्मरक्षा में बीएसएफ द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से दो बांग्लादेशी तस्कर ढेर हो गए। बीएसएफ सूत्रों ने रविवार को बताया कि यह घटना बल के दक्षिण बंगाल सीमांत अंतर्गत 32वीं वाहिनी की सीमा चौकी गोविंदपाड़ा इलाके में शनिवार देर रात घटी।

घटनास्थल से दो टार्च, एक वायर कटर, एक लाठी, तीन लोहे का दाह भी बरामद किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 15- 16 तस्करों का झुंड मवेशियों को भारत से बांग्लादेश ले जाने के इरादे से आया था, जिसे नाकाम कर दिया गया।
बीएसएफ अधिकारी के अनुसार, जवानों ने रात करीब 9.30 बजे सीमा के पास कुछ लोगों के समूह को तारबंदी काटते देखा।

जवानों ने जब रोका तो तस्करों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। तस्कर हाथापाई करने लगे। इसी बीच तस्करों के झुंड ने जवान को घेर लिया और तेज रोशनी वाले टार्च को आंखों पर मारने के साथ हथियारों से हमला कर दिया। अपनी जान को खतरे में देख जवान ने फायरिंग की। जिसके बाद सभी तस्कर बांग्लादेश की तरफ भाग गए।

बाद में दो तस्कर घायल अवस्था में पड़े मिले। प्राथमिक उपचार देकर बीएसएफ ने दोनों को कृष्णागंज अस्पताल में भर्ती कराया जहां कुछ देर बाद ही इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। मारे गए तस्करों की पहचान सहदुल मंडल तथा खाजा मंडल के रूप में हुई है। बीएसएफ को अपने सूत्रों पता चला है कि दोनों बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव नास्तीपुर के रहने वाले थे। बीएसएफ ने इस घटना की जानकारी तुरंत कृष्णागंज थाने को दी और प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।

आए दिन जवानों पर हो रहे हमले

दक्षिण बंगाल सीमांत के प्रवक्ता के अनुसार, बीएसएफ जवानों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले इसी माह चार दिसंबर को भी मालदा जिले में ऐसी ही घटना सामने आई थी जब सीमा चौकी आरके वाधवा इलाके में बांग्लादेशी तस्करों ने जवानों पर हमला कर मवेशियों की जबरन तस्करी की कोशिश की थी। पर जवानों की मुस्तैदी से तस्करों को मुंह की खानी पड़ी। अधिकारी के अनुसार, बांग्लादेशी तस्करों/उपद्रवियों के दुस्साहस के बारे में बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को बार-बार विरोध पत्र देने के बावजूद जानबूझकर तस्करी की कोशिशें जारी है। आए दिन बांग्लादेशी तस्कर सीमा की रक्षा कर रहे बीएसएफ जवानों पर हमला करते रहते हैं। इस वर्ष बांग्लादेशी तस्करों द्वारा बीएसएफ पर जानलेवा हमले के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक जवान ने ऐसे ही हमले में अपनी बांह लगभग खो दी है व अन्य जवान ने अपनी आंख खो दी। कई अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।

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