सैनामैना, भैरहवा, नेपाल : अंतर्राष्ट्रीय वक्ता, लेखक एवं शांति दूत प्रेम रावत जी ने आज नेपाल में हज़ारों श्रोताओं को सम्बोधित किया। यह कार्यक्रम आत्म ज्ञान प्रचार संघ नेपाल द्वारा गौतम बुद्ध अंतरराष्ट्रीय मैदान, सैनामैना नगरपालिका वार्डनंबर 7, रूपन्देही (बुटबल के पास) में आयोजित किया गया।
प्रेम रावत जी ने कहा “मैं आज यहाँ आया हूँ तुमको याद दिलाने के लिए कि मनुष्य जन्म अनमोल है और यह फिर नहीं मिलेगा। तुम्हारे अंदर अनेक अच्छाइयाँ हैं – तुम्हारे अंदर दया है, तुम्हारे अंदर करुणा है। तुम्हारे अंदर वे सारी चीज़ें हैं जिससे मनुष्य का कल्याण हो सकता है।”प्रेम रावत जी ने कहा “जीवन में खुश होने के लिए ही हम सबकुछ करते हैं, परंतु असली खुशी हमारे हृदय में है। खुश रहो क्योंकि तुम्हारे अंदर यह श्वास आ रहा है ।
श्वास का आना जाना ही बनाने वाले की कृपा हैं। जब तक तुम श्वास की कीमत नहीं समझोगे तब तक तुम नहीं जानोगे कि यह जीवन कितना दुर्लभ है ।इस श्वास को पहचानो, श्वास को जानो, इसमें तुम्हें वह चीज मिलेगी जो तुम्हें खुशी दे सकती है।”उन्होंने यह भी बताया कि प्यार के बिना कोई रिश्ता नहीं है, सारे रिश्ते-नाते प्यार से हैं। तुम्हारा तुम्हारे साथ क्या रिश्ता है ? प्यार का है, आभार का है या कुछ और है ? प्यार का नाता होता है – जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना।
असली प्यार के नाते ही तुम दूसरों में बुराई नहीं देखते हो, अच्छाई देखते हो । उन्होंने आगे कहा “ज्ञान दो प्रकार के होते हैं। एक है स्वम्का ज्ञान और एक है दुनिया का ज्ञान । एक से आनंद मिल सकता हैं और एक से आनंद नहीं मिलेगा चाहे कितना भी ज्ञान हो जाए। जिसकी तुम्हें तलाश हैं वह तुम्हारे अंदर हैं, उसको जानो। तुम उसका ध्यान कर सकते हो और अपने जीवन को आनंद से भर सकते हो।” इस कार्यक्रम में नेपाल-भारत की सीमावर्ती क्षेत्रों से आए हज़ारों लोगों ने भी भाग लिया। भारी बारिश के बावजूद सभी लोगों ने इस कार्यक्रम का आनंद लिया।
