रंगों में छिपी होती है सपनों की दुनिया, सपनों को हकीकत में उतारने की कोशिश करती हूं: अमृता

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कोलकाता : मैं कोशिश करती हूं कि सपनों को अगर पंख लगें, जीवन की गहराइयों को आकार दे सकूं। रंग केवल रंग मात्र नहीं हैं, इनमें सपनों की दुनिया छिपी होती है। उन रंगों से सपनों की दुनिया को रंगने की कोशिश करती हूं। कहती हैं बंगलौर से आईं वाराणसी की बेटी और देश की उभरती हुई कलाकार अमृता तिवारी। यहां पर अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के सेंट्रल हाल में लगी है अभिवंदना चित्र प्रदर्शनी, जिसमें अमृता के छह पेंटिंग्स प्रदर्शनी में लगी हैं। यह प्रदर्शनी 19 जून तक चलेगी।


अमृता बताती हैं कि इस चित्र प्रदर्शनी में उनकी छह पेंटिंग्स लगी हैं। उन्होंने कहा, मैं कभी भी एक ही तरह की पेंटिंग नहीं बनाती। सभी के रंग अलग हैं, और अंदाज अलग हैं। हर पेंटिंग अपने में पूर्ण और अपनी बात कहने में सक्षम है। जैसे एक चित्र है गोल्डन वर्ल्ड, यह वास्तव मे हमारे देश को दिखाता है। हमारा देश बहुत सुनहरा है। इसमें मैंने दिखाने की कोशिश की है कि हमारा देश सोने की चिड़िया है। हमारे देश में धन संपदाओं की कमी नहीं है। लेकिन कुछ काले धब्बे हैं, जिसके कारण अभी भी पिंजरे में कैद है। उन्होंने कहा, मैं अक्सर रंगों का उपयोग ब्रश या किसी ओर से नहीं बल्कि हाथों से रंग भरती हूं।


इससे पहले चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रसिद्ध कलाकार बादल पॉल और अमित भार ने किया। इस मौके पर बादल पॉल ने कहा, बहुत खास तरह का काम यहां देखने को मिला। यह भिन्नता बहुत कुछ बताती है। हर एक आर्टिस्ट को दूसरे से प्रेरण लेनी चाहिए। इससे काम में निखार आता है। नई तरह की एक सोच विकसित होती है। दुनिया को रंगों की दुनिया में कुछ नया देखने को मिलेगा। एक सतत प्रयास ही एक कलाकार को उसके संपनों की दुनिया को रंगीन कर सकता है।


अमित भर ने कहा, इस बार एक नई तरह की कला देखने को मिली, जो एक आर्टिस्ट के लिए सुखद है। लगातार एक ही तरह के कला को देखने के बाद जब कुछ अलग हटकर देखने को मिलता है तो सुकून मिलता है। इस मौके पर अभिमन्यु दास, वंदना दास सहित अन्य कलाकार और गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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