नई दिल्लीः 8 और 9 नवंबर को राज विद्या केंद्र, दिल्ली में सुबह और शाम चार सत्रों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें श्री हंस जी महाराजी की 124वीं जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर प्रेम रावत जी ने भारत के विभिन्न राज्यों से आए हजारों श्रोताओं के भारी जनसैलाब को संबोधित किया। उनका मानवता और शांति का सन्देश सरल और रोचक होने के साथ सभी श्रोताओं को गहराई से जोड़ने वाला था। वे अपने संदेश के माध्यम से एक आकर्षक व व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, जो सभी के लिए प्रेरणा स्रोत का काम करता है। इस कार्यक्रम का टाइमलेस टुडे ऐप और अंजन टीवी चैनल के माध्यम से भी लाखों दर्शकों ने घर बैठे आनंद लिया।
प्रेम रावत जी ने अपने संबोधन में कहा, “जब अँधेरा हो जाये आपके जीवन में और ऐसा लगे कि हर एक चीज ने आपको छोड़ दिया है, पर अगर आपका स्वांस आपके अंदर आ रहा है और जा रहा है, तो वह शक्ति जो सारे विश्व को चला रही है, उसने आपको नहीं छोड़ा है। वह हमेशा आपके साथ है। अगर सारी चीजें आपके विपरीत हो जाये, पर अगर वह चीज आपके साथ है तो सबकुछ ठीक है। आपको किसी चीज से डरने की जरूरत नहीं है।“
प्रतिभागियों द्वारा प्रेम रावत जी की मानवता और शांति आधारित इस संदेश को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने की पहल को अद्वितीय बताते हुए कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की गई तथा भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन किए जाने की इच्छा जताई गई। प्रतिभागियों के अनुसार वर्तमान परिवेश में मानवता व शांति के लिए किए जाने वाले प्रयास अति महत्वपूर्ण हैं और यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने आपको जाने और जीवन को सचेत होकर जीयें, तो अवश्य ही यह पृथ्वी रहने के लिए एक बेहतर जगह बन सकती है।
प्रेम रावत जी एक विश्व प्रसिद्ध बेस्ट सेलर लेखक भी हैं, जिन्होंने 8 साल की छोटी उम्र से ही अपने मार्गदर्शक श्री हंस जी महाराज की इच्छा व आज्ञा के अनुसार व्यक्तिगत शांति और मानवीय एकता का संदेश फैलाने हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया। इस कार्यक्रम में श्री हंस जी महाराज व प्रेम रावत जी की इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के अथक प्रयासों की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों को जीवन के हर पड़ाव पर अपने अस्तित्व के लिए कृतज्ञ होने तथा अपने अंदर विराजमान आनंद की संभावना को तलाशने के लिए प्रेरित किया गया।
मानवता और शांति के प्रति प्रेम रावत जी के अटूट समर्पण को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के माध्यम से मान्यता दी गई है। 2023 में, उन्हें लखनऊ (उत्तर प्रदेश) और गया (बिहार) में उनके प्रभावशाली कार्यक्रमों के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। प्रेम जी को अपने काम के लिए दुनिया भर के 20 से अधिक शहरों की चांबियाँ और कई पुरस्कार मिले हैं। 2012 में, उन्हें ’एशिया पैसिफिक ब्रांड लॉरिएट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया, इस सम्मान से सुसज्जित प्रतिष्ठित शख्शियतों में दिवंगत नेल्सन मंडेला भी शामिल हैं।
अपने संदेश की चर्चा के अलावा, वे एक परोपकारी संस्था ‘‘द प्रेम रावत फाउंडेशन‘‘ का भी संचालन करते हैं। इस संस्था के अनेक योजनाओं में से एक है – ‘‘जनभोजन योजना!’’ यह योजना रांची में नियमित रूप से चलायी जा रही है। इसके अलावा घाना और नेपाल में भी लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा यह संस्था विपदा के समय भी जरूरतमंद लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य कर रही हैं।
भारत में प्रेम रावत जी के प्रेरणादायी संदेश आधारित कार्यक्रम नियमित रूप से राज विद्या केंद्र द्वारा अपने 5000 से अधिक सेंटर्स के माध्यम से आयोजित किए जाते हैं। राज विद्या केंद्र एक पंजीकृत गैर-लाभकारी संगठन है, जो प्रेम रावत जी की मानवता व शांति आधारित पहलों को बढ़ावा देने व उनका प्रचार-प्रसार करने हेतु प्रतिबद्ध है।
उनके संदेश के संबंध में अधिक जानकारी वेबसाइट www.premrawat.com और www.rajvidyakender.org द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
