अपने जीवन को आनंद से भरें: प्रेम रावत

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देहरादून : अंतर्राष्ट्रीय वक्ता, लेखक  एवं शांति दूत प्रेम रावत जी ने आज देहरादून के परेड ग्राउंड में हज़ारों श्रोताओं को सम्बोधित किया। प्रेम रावत जी ने देहरादून में पिछले कुछ वर्षों में आये बदलावों का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया  कि “इस संसार में सब कुछ बदल जाता है परन्तु जब तक तुम जीवित हो, तब तक स्वांसों का आना-जाना कभी नहीं बदलेगा। स्वांस का आना जाना ही बनाने वाले की कृपा है। इसलिए तुम इस स्वांस के साथ जुड़ना सीखो, तब तुम्हारी ज़िंदगी बदल जाएगी, अच्छी हो जाएगी।” 

उन्होंने एक कहानी के माध्यम से समझाया कि “स्वर्ग और नरक यहीं हैं। जब तुम क्रोध और अहंकार में होते हो, तब तुम नरक में होते हो। जब तुम्हारा हृदय आभार और प्रेम से भरा होता है, तब तुम स्वर्ग में होते हो। अपने जीवन में स्वर्ग का अनुभव करो।”

उन्होंने आगे कहा “एक होता है बाहर की आँखें खोलना और एक होता है अंदर की आँखें खोलना । जब अंदर की आँखें खोलोगे, तो वह दिखाई देगा जो अंदर है और हृदय आनंद से भर जाएगा। जो अविनाशी तुम्हारे अंदर है उसको समझो, उसको जानो और अपनी ज़िंदगी को सफल करो। यह है हमारा संदेश, ये सिर्फ शब्द ही नहीं हैं। उसका  अनुभव करने की विधि भी हमारे पास है। उसे  हम ज्ञान कहते हैं।”

प्रेम रावत जी ने यह भी बताया कि उनके सन्देश पर आधारित “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” पूरी दुनिया में पाँच लाख से अधिक लोगों के जीवन में एक सुन्दर परिवर्तन लेकर आया है और कहा “आज वही संदेश हम तुम्हारे लिए लाए हैं ताकि तुम्हारे जीवन में भी वह बदलाव आए और तुम अपने जीवन का आनंद ले सको ।”

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