कोलकाता: महानगर कोलकाता के विश्व बांग्ला मेला प्रांगण में प्लास्टिक पर पूर्वी भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनी ‘इंडप्लास 22‘ आयोजित की जा रही है। 25 से 28 नवंबर 2022 तक चलने वाले इस चार दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन इंडियन प्लास्टिक फेडरेशन (आईपीएफ) द्वारा किया गया है जिसमें 150,000 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे।
इस मेले में 8 देशों के 350 से भी अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शक शामिल हो रहे हैं। ‘इंडप्लास 22’ के अध्यक्ष प्रदीप नैय्यर ने कहा कि ‘इंडप्लास 22‘ लगभग चार वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित किया गया है।
प्रदर्शनी की खास बात ये है कि यह एक मंच प्रदान करता है। जहां प्रोसेसर, मशीनरी निर्माता, डीलर, निर्माता, वितरक, आयातक और पॉलिमर के इंडेंटिंग एजेंट अपने उत्पादों को एक छत के नीचे प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। आगे उन्होंने कहा कि विश्व बांग्ला मेला प्रांगन निस्संदेह पूर्वी भारत में एक शो पीस प्रदर्शनी मैदान है। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल प्लास्टिक क्षेत्र में विकास के अवसर प्रदान करता है। पश्चिम बंगाल पूर्वी भारत का सबसे बड़ा राज्य है और इसे पूर्व का प्रवेश द्वार भी माना जाता है।
भारतीय बाजार में शुरू से अंत तक पॉलिमर के निर्माण में लगी 5,000 इकाइयां शामिल हैं। राज्य में 20 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है सालाना 30,000 करोड़ रुपये के अनुमानित कारोबार वाले उत्पाद, प्रत्यक्ष और 500,000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार।
इंडियन प्लास्टिक्स फेडरेशन (आईपीएफ) के अध्यक्ष शिशिर जालान का मानना है कि इस सेक्टर का विकास जारी है 2,500 करोड़ रुपये के निवेश से लगभग 500 अतिरिक्त इकाइयां चालू हो जाएंगी। जिसे अप्रैल में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2022 के दौरान घोषित किया गया था। सालाना 150,000 टन प्लास्टिक उत्पाद। अनुमानित 2,000 करोड़ अतिरिक्त आगामी इकाइयों से राजस्व उत्पन्न होगा, जो 50,000 लोगों के लिए रोजगार सृजित होगा।