TET परीक्षा में महिलाओं को खोलनी पड़ी थी सुहाग की निशानी शाखा-पोला, HC पहुंचा मामला
कोलकाता : गत अक्टूबर में तेलंगाना में परीक्षा देने पहुंची हिंदू महिलाओं का मंगलसूत्र उतरवा लिया गया था। अब पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है। गत 11 दिसंबर को पांच साल बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) हुई थी।
टेट की परीक्षा देने पहुंची बंगाली हिंदू महिलाओं को सुहाग की निशानी माने जाने वाले शाखा-पोला हाथों से उतारने को मजबूर किया गया था। अब इसीके खिलाफ मौमिता चक्रवर्ती नाम की एक महिला परीक्षार्थी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में याचिका दाखिल हुई है, जिसपर अगले हफ्ते सुनवाई होनी है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि स्कूल सेवा आयोग (SSC) के इस फैसले की वजह से वह परीक्षा नहीं दे पाई।
उन्होंने SSC के चेयरमैन गौतम पाल के खिलाफ बिधाननगर दक्षिण पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। राष्ट्रवादी अधिवक्ता काउंसिल की महासचिव पारोमिता दे ने मौमिता की तरफ से याचिका दायर की।
उन्होंने बताया कि शाखा-पोला एक तरह की चूड़ी है जिससे किसी भी तरह का खतरा नहीं होता, ना ही उसमें परीक्षा में नकल की किसी प्रकार की गुंजाइश होती है। मौमिता की तरह कई बंगाली हिंदू महिलाओं की सुहाग की निशानी उतरवाई गई है। यह ना केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है बल्कि असंवैधानिक भी है। उन्होंने न्यायाधीश से इस मामले में उचित कार्रवाई की अपील की है।