कोलकाता : पानी की बर्बादी कम करके पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कोच की सफाई के बेहतर मानक बनाए रखने के प्रयास में, पूर्व रेलवे ने विभिन्न स्थानों पर स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट (एसीडब्ल्यूपी) स्थापित किए हैं। हावड़ा में ईएमयू कार-शेड को ईएमयू ट्रेनों के लिए गुणवत्तापूर्ण सफाई प्रदान करने के लिए एक स्वचालित कोच वॉशिंग प्लांट भी प्रदान किया गया है, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है।
स्वचालित कोच वॉशिंग प्लांट रेक में कोचों के लिए डिटर्जेंट सलुसन, घूमने वाले ब्रश का उपयोग करके एक ईबहुस्तरीय बाहरी सफाई प्रणाली है। इसके अलावा, इसमें बाहरी धुलाई के लिए शीतल जल के उपयोग के लिए प्रवाह उपचार प्रणाली और जल नरम करने वाले संयंत्र हैं।
12 कोच वाली ईएमयू ट्रेन के एक रेक के लिए पूरे रेक की बाहरी धुलाई में केवल 7 से 8 मिनट का समय लगता है। हावड़ा ईएमयू कारशेड में इस एसीडब्ल्यूपी के माध्यम से प्रतिदिनल औसतन 13 ईएमयू रेक धोए जाते हैं। यह प्लांट ट्रेन के प्रवेश के बाद धुलाई शुरू करने के लिए सेंसर आधारित सुविधा से लैस है। वाशिंग सिस्टम प्रत्येक ट्रेन के लिए केवल 20% ताज़ा पानी का उपयोग करेगा जबकि शेष 80% पानी जो उपयोग किया जाएगा वह पुनर्नवीनीकृत पानी होगा।
डिटर्जेंट के नियंत्रित प्रयोग से लगातार सफाई होती है जिससे बाहरी रंग को कोई नुकसान नहीं होता है और सामग्रियों का आधिक्तम उपयोग होता है, और इस प्रकार पेंट को नुकसान पहुंचाए बिना या कोचों के सौंदर्य स्वरूप से समझौता किए बिना बाहरी धुलाई की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
कुशल कर्मचारी और अधिकारी की एक समूह नियमित रूप से इन सफाई पहलुओं की निगरानी करते हैं, ताकि स्थानीय यात्रियों, मुख्य रूप से दैनिक यात्रियों के संतुष्टि स्तर को बनाए रखा जा सके। पूरे साल हावड़ा जैसे बड़े डिपो ने लोकल ट्रेनों के लिए इस सर्कल को बनाए रखा।