संघ की पहल पर नेताजी पर राष्ट्रव्यापी शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता

Kolkata West Bengal

कोलकाता: आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंध संस्था “भारतीय शिक्षण मंडल” ने आयोजित किया है। आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम द्वारा विशेष तौर पर आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में स्नातक, परा-स्नातक, पीएचडी स्कॉलर और 40 वर्ष से कम आयु के अन्य बुद्धिजीवी लोग हिस्सा ले सकते हैं।

इसमें मूल रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की दृष्टि में आत्मनिर्भर भारत, आजाद हिंद सरकार- महत्व एवं संरचना, स्वाधीनता के अज्ञात वीर, अंतरराष्ट्रीय संबंध दृष्टि : नेताजी से आज तक, अमृत काल के सुभाष संकल्प : 2022 से 2047 और अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की आवश्यकता पर शोध पत्र लिखे जाएंगे।

संस्थान की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस शोध पत्र का लेखन हिंदी, बांग्ला, ओडिया, उर्दू समेत अन्य भारतीय भाषाओं के साथ अंग्रेजी में किया जा सकता है। तीन हजार से पांच हजार शब्दों की सीमा निर्धारित की गई है। अधिक जानकारी के लिए www.bsmbharat.org वेबसाइट पर जाकर पत्र लेखन की शैली के बारे में समझा जा सकता है।

इसके अलावा शोध पत्र मौलिक होना चाहिए और किसी भी तरह से कॉपिड शोध स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उक्त वेबसाइट पर पंजीकृत होने के बाद ही शोध पत्र जमा करना है और पंजीयन सहयोग राशि के तौर पर महज 100 रुपये जमा करानी होगी। पंजीयन की अंतिम तिथि 20 सितंबर है और शोध पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है। बताया गया है कि इसमें बेहतर शोध पेश करने वाले प्रतिभागी प्रांत स्तर तक पहुंचेंगे जबकि उत्कृष्ट प्रतिभागी अखिल भारतीय युवा शोधकर्ता सम्मेलन में शामिल हो सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ना केवल जन्मभूमि है बल्कि देश की आजादी की लड़ाई की सबसे उर्वरा भूमि रही है। इसीलिए मूल रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबंधित शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता में पश्चिम बंगाल से अधिक से अधिक लोगों के पंजीयन की अपेक्षा है। नेताजी पर सर्वोत्कृष्ट लेख देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को और अधिक ईमानदार तरीके से समझने में मददगार बनेंगे

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