कोलकाता : एक कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी की छवि वाले तमिलनाडु कैडर ,1997 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आयूष मणि तिवारी को बीएसएफ साउथ बंगाल सीमांत का नया महानिरीक्षक नियुक्त किया गया है। उन्होंने मंगलवार को निवर्तमान आईजी डॉ. अतुल फुलझेले से कार्यभार ग्रहण किया है। डॉ. अतुल फुलझेले को बीएसएफ के पंजाब सीमांत का नया आईजी नियुक्त किया गया हैl
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे आयूष मणि तिवारी ने आनंद (आईआरएमए) गुजरात से एमबीए किया है और उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने तमिलनाडु के कई सांप्रदायिक और जाति-संवेदनशील जिलों जैसे तूतीकोरिन, मदुरै, तिरुवल्लुर और नमक्कल में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने चेन्नई शहर में डीसीपी और कोयम्बटूर रेंज के डीआईजी और तमिलनाडु में सशस्त्र पुलिस के आईजीपी के रूप में भी काम किया है।
2007 में आयूष मणि तिवारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए और पाकिस्तान के साथ सीमा पर स्थापित गुजरात ब्यूरो का नेतृत्व किया। उन्होंने तीन साल तक नागरिक उड्डयन ब्यूरो में डीडीजी के पद पर भी कार्य किया है। बीएसएफ में वह राजस्थान सीमांत के आईजी और बल मुख्यालय में विभिन्न महत्पूर्ण पदों पर कार्य कर चुके है l सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिसमें मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी शामिल है।
पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने औपचारिक रूप से बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की और सीमांत की कार्यप्रणाली की जानकारी ली। तिवारी ने कहा कि वह प्रभावी सीमा वर्चस्व जारी रखेंगे और किसी भी नापाक गतिविधि को विफल करने के लिए सीमा को अभेद्य बनाएंगे और जवानोन्मुख कल्याण योजनाओं को जारी रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि आईजी, डॉ. अतुल फुलझेले ने मार्च, 2022 से अब तक के अपने कार्यकाल में दक्षिण बंगाल सीमांत की कमान संभालते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी को नियंत्रण में रखा और बीएसएफ के परिवारों के कल्याण सहित विभिन्न कार्यों को क्रियान्वित किया है।
सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों का दृढ़ विश्वास है कि यहाँ से आयूष मणि तिवारी सरहद की कमान संभालने के बाद सीमा सुरक्षा के स्तर को और भी उच्च स्तर पर ले जाएँगे, ताकि तस्करी का ग्राफ अपने निचले स्तर पर हो सके। तिवारी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता तस्करी, घुसपैठ और अन्य सीमा पार अपराधों पर लगाम लगाने के साथ साथ, सीमा पर रहने वाले लोगों और बीएसएफ के बीच समन्वय में सुधार लाना रहेगा l