कोलकाता : विदेश मंत्रालय अंतर्गत क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, कोलकाता की राजभाषा पत्रिका अभ्युदय के तीसरे संस्करण का गुरुवार को विमोचन किया गया। कोलकाता के ब्रेबर्न रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित समारोह के दौरान क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) आशीष मिड्ढा, आइएफएस व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के हाथों इसका विमोचन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्रालय में उपनिदेशक (राजभाषा- पूर्व क्षेत्र, हिंदी शिक्षण योजना) सुनील कुमार लोका उपस्थित थे। आरपीओ ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस मौके पर उप पासपोर्ट अधिकारी तपन दास व एकलव्य चक्रवर्ती, वरिष्ठ अधीक्षक जय कर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी मिड्ढा ने कहा- हमारे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि हम आज राजभाषा पत्रिका के तृतीय संस्करण का विमोचन कर रहे हैं। उन्होंने कार्यालय के सभी कर्मियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सभी ने इस गृह पत्रिका में अपना योगदान दिया है। इस पत्रिका में कर्मियों के बच्चों की भी कविताएं व चित्रकारी को स्थान दिया गया है।
मिड्ढा ने इस पत्रिका के लिए शुभकामना संदेश देने के लिए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्रियों- वी मुरलीधरन, मीनाक्षी लेखी और राजकुमार रंजन सिंह समेत देश के चीफ पासपोर्ट आफिसर एवं संयुक्त सचिव (राजभाषा) व अन्य अधिकारियों का भी आभार जताया। उन्होंने उल्लेख किया कि कोलकाता को राजभाषाा नीति के उत्कृष्ट कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2022 का सर्वश्रेष्ठ पासपोर्ट कार्यालय पुरस्कार से केंद्र सरकार ने सम्मानित किया है।
मिड्ढा ने इस दौरान कहा कि हिंदी आज केवल हिंदुस्तान तक सिमट कर नहीं रह गई है बल्कि आज ये भाषा विश्वभर में गूंज रही है। हमारी भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है कि हर जगह हिंदी पहुंच चुकी है और हमारी भाषा व साहित्य का लगातार विदेशों में प्रसार हो रहा है। कई देशों में लोगों ने बालीवुड की फिल्में देखकर भी हिंदी सीखी हैं। आज सभी जगह हिंदी के शब्दों का प्रयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 और एससीओ बैठक की इस वर्ष अध्यक्षता कर रहा है, लिहाजा इसके माध्यम से भी देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, खान-पान, भाषा और विशेषता को दुनिया तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।