कोलकाता : जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में अब हालात तेजी से सुधर रहे हैं और यह सुरक्षा बलों के नियंत्रण में हैं। हाल ही में सेना की सुरक्षा में राशन और अन्य जरूरी सामान का काफिला राजधानी इंफाल पहुंचाया गया। हिंसा के चलते इंफाल घाटी में राशन की किल्लत हो गई थी। जिसके बाद सेना ने मोर्चा संभाला और सभी जरूरी सामान का एक काफिला इंफाल घाटी पहुंचाया। सेना ने ट्वीट व बयान जारी करके इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय के जनजातीय आरक्षण की मांग के विरोध में हाल में निकाले गए एक मार्च के दौरान इंफाल घाटी और उसके आसपास के पहाड़ी जिलों में हिंसा हिंसा भड़क उठी थी। जातीय हिंसा में 50 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और जगह- जगह आगजनी व तोड़फोड़ हुई। राज्य से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन भी हुआ है। हालात को देखते हुए राज्य में सेना तैनात है। सड़कें अवरुद्ध होने और ट्रांसपोर्टर्स के डर के चलते राज्य में इंफाल घाटी में राशन और अन्य जरूरी सामान की सप्लाई नहीं हो पा रही थी। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि 15 मई को 28 वाहनों के काफिले को, जिनमें ट्रक में चावल, चीनी और दालें भरी थीं और तेल के टैंकर, जेसीबी शामिल थीं, उन्हें सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस की सुरक्षा में नोनी से इंफाल पहुंचाया गया। असम राइफल्स ने काफिले को सुरक्षित आवाजाही मुहैया कराई और काफिले की सुरक्षा में जगह-जगह सैनिक तैनात किए गए। दोपहर तक यह काफिला सुरक्षित इंफाल पहुंच गया। सेना ने बताया कि अनमैन्ड एरियल व्हीकल के जरिए भी काफिले की निगरानी की गई।
इसके बाद 16-17 मई को भी करीब 100 वाहनों की आवाजाही नेशनल हाईवे 37 पर हुई है। सेना का कहना है कि राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने की दिशा में ये भी एक अहम कदम है।