अर्पिता के फ्लैट से 21.20 करोड़ नकद, 79 लाख के सोने के गहने, 54 लाख की विदेशी मुद्रा, कोलकाता में आठ फ्लैट, 20 मोबाइल समेत कई जमीनों के दस्तावेज बरामद
कोलकाता: स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कैबिनेट के वरिष्ठ साथी उद्योग व संसदीय कार्य मंत्री तथा तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हो चुकी है। मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी से ईडी के अधिकारी पिछले 30 घंटों से पूछताछ कर रही है। अर्पिता के फ्लैट से 21.20 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं जिसे ले जाने के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) से 40 ट्रंक मंगाए गए हैं।
नोट इतने थे कि सात मशीन नोट गिनने के लिए लगाई गई थी। इसके अलावे, 79 लाख रुपये के सोने के गहने, 54 लाख मूल्य की विदेशी मुद्रा, कोलकाता में आठ फ्लैट, 20 मोबाइल सहित कोलकाता और जिलों में जमीन होने के दस्तावेज मिले हैं। अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट में जब्त नोटों के साथ शिक्षा विभाग के लिफाफे और एसएससी के एडमिट कार्ड व अन्य दस्तावेज भी मिले हैं।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, अर्पिता के घर से शिक्षा विभाग के लिफाफे में 500 और 2,000 रुपये के नोट मिले हैं, जिसके बारे में वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाई। ईडी के अधिकारियों ने यह जानना चाहा कि इतनी राशि कहां से आई? इनके आय के क्या स्त्रोत हैं? ईडी के अधिकारियों ने पूछा कि शिक्षा विभाग के लिफाफे में उनके पास नोट कहां से आएं? ईडी अधिकारियों को पता चला है कि शिक्षकों की नियुक्ति में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था।
इस नेटवर्क के तार मंत्री से लेकर आला अधिकारियों तक जुड़े हैं, इसमें एक पूरी चेन काम कर रही थी। कहा जा रहा है कि इस भर्ती घोटाले में सबसे निचली कड़ी दलाल हुआ करते थे। वे नौकरी पाने वाले लोगों से संपर्क करता था और नौकरी का वादा किया जाता था। इसके बदले नौकरी पाने वालों से मोटी रकम वसूली जाती थी। इसके बाद, उक्त रकम का बड़ा हिस्सा मंत्री और इसके बाद शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों व कर्मचारियों तक पहुंचता था।