कोलकाता: बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष और राज्य के सबसे विवादित नेता अनुब्रत मंडल की गाड़ी में संवैधानिक नियमों के विपरीत पिछले कई सालों से लाल बत्ती लगी होने और उसी में उनके पूरे राज्य में घूमने को लेकर हाईकोर्ट ने सोमवार को ममता सरकार को जमकर फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई।
उन्होंने राज्य के महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी से पूछा कि क्यों मंडल के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई? उनके प्रति सरकार की इस तरह की लापरवाही वाले मनोभाव का क्या कारण है? दरअसल, केंद्र सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए लाल बत्ती और नीली बत्ती वाली गाड़ियों का इस्तेमाल विशेष लोगों के लिए करने का नियम काफी पहले लागू कर दिया है। बावजूद इसके पिछले कई सालों से बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल लाल बत्ती गाड़ी में घूमते रहे हैं और पुलिस उन्हें कहीं नहीं रोकती। इसी को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका लगी है जिसमें पूछा गया है कि आखिर बंगाल पुलिस प्रशासन संविधान की इस अवहेलना को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं करता।
इसी मामले में मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। उसकी रिपोर्ट भी सोमवार को कोर्ट में जमा कर दी गई जिसमें राज्य सरकार की ओर से लिखी गई बातों पर मुख्य न्यायाधीश बेहद खफा नजर आए। हालांकि, क्या राज्य सरकार ने कारण बताया है इस बारे में तो फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन महाधिवक्ता को फटकार लगाते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अनुब्रत मंडल ना तो मंत्री हैं, ना सांसद हैं, ना विधायक हैं केवल एक पार्टी के अध्यक्ष हैं और लाल बत्ती वाली गाड़ी लेकर घूम रहे हैं। क्यों पुलिस ने उनके खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं की? मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने लाल बत्ती के इस्तेमाल को लेकर अधिसूचना जारी की है।
राज्य सरकार ने भी अधिसूचना जारी कर बताया है कि किन पदों पर बैठे हुए लोग लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। बावजूद इसके मंडल क्यों लाल बत्ती की गाड़ी में घूमते हैं और पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की? उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी गाड़ी का कांच कितना काला होगा इस बारे में भी अधिसूचना जारी हुई है। राज्य सरकार ने जो रिपोर्ट दी है उसमें भी इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है। इसके बाद, कोर्ट ने मंगलवार को नए सिरे से रिपोर्ट देने को कहा है। उसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।