कोलकाता: राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) से संबंधित मामले की सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट में शुक्रवार को पूरी हो गई है। न्यायमूर्ति हरीश टंडन और रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ में सुनवाई पूरी हुई है। हालांकि, फिलहाल कोर्ट ने फैसले को संरक्षित रखा है।
इसके पहले के अपने फैसले में हाईकोर्ट में कहा था कि महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है। इसे रोका नहीं जा सकता। हाईकोर्ट ने केंद्रीय पैमाने के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को 31 फ़ीसदी डीए देने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी ने पुनर्विचार याचिका लगाई थी।
तीन दिनों पहले पूजा समितियों को अनुदान संबंधी एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में एक हलफनामा के जरिए राज्य सरकार ने बताया था कि किसी भी सरकारी कर्मचारी का महंगाई भत्ता बाकी नहीं है इसलिए देने का सवाल ही नहीं उठता। दूसरी ओर, सरकारी कर्मचारियों ने दावा किया है कि कोर्ट के बार-बार आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने भत्ता नहीं दिया है और हर बार पुनर्विचार याचिका लगाकर मामले को टालने की कोशिश हो रही है।
इसके पहले सुनवाई के दौरान उपरोक्त दोनों न्यायाधीशों की खंडपीठ ने मई महीने में ही तीन महीने के भीतर सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया था। कोर्ट की तय समय सीमा 19 अगस्त को पूरी हो गई है। उसके पहले लगाई गई पुनर्विचार याचिका पर भी अब सुनवाई पूरी हो गई है। इस पर, हाईकोर्ट का क्या फैसला आता है इस पर राज्य सरकार के साथ सरकारी कर्मचारियों की भी निगाहें टिक गई हैं।