BSF मना रहा 58 वां स्थापना दिवस, इस साल मिली कई सफलताएं

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कोलकाता:  सीमा सुरक्षा बल (BSF)अपना 58 वां स्थापना दिवस मना रहा है। सीमा सुरक्षा बल की स्थापना 01 दिसंबर, 1965 को भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं की रक्षा के लिए की गई थी। राष्ट्रीय स्तर पर बीएसएफ का 58 वां स्थापना दिवस 4 दिसंबर, 2022 को अमृतसर में मनाया जा रहा है।

साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं पर घुसपैठ, तस्करी और सैन्य हमलों के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में सेवा करने के विशिष्ट उद्देश्य के साथ 01 दिसंबर, 1965 को भारतीय संसद में बीएसएफ का गठन किया गया था। बीएसएफ के गठन से पहले भारतीय सीमाओं पर तैनात भारतीय राज्यों के पुलिस बलों को सीमा सुरक्षा का काम सौंपा गया था।

प्रारंभ में बीएसएफ का गठन 25 वाहिनियों के साथ किया गया था, जिसमें राज्यों के विभिन्न सशस्त्र पुलिस बलों के सैनिक शामिल थे। अब समय बीतने के साथ इस बल की ताकत लगभग 2.65 लाख मानव शक्ति के साथ 04 एनडीआरएफ वाहिनियों सहित 193 बटालियन हो गई है, इसके अलावा बल में 07 आर्टिलरी वाहिनियां, 08 वाटर विंग और 01 एयर विंग भी हैं। बीएसएफ को विश्व की सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बल के रूप में जाना जाता है। यह पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ और पूर्वी सीमा पर बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमा की रक्षा करता है।

बीएसएफ ने 1965 से राष्ट्र की सेवा में एक लंबा सफर तय किया है। अपनी स्थापना के बाद से, केंद्रीय सशस्त्र बल के रूप में सीमा सुरक्षा बल ने न केवल भारत की सीमाओं को सुरक्षित किया है बल्कि विभिन्न अवसरों पर नागरिक प्रशासन की सहायता भी की है। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध के दौरान बीएसएफ की भूमिका, पंजाब और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने में बीएसएफ की भूमिका और छत्तीसगढ़ और ओडिशा में नक्सलवाद पर काबू पाने में बीएसएफ की भूमिका की व्यापक रूप से सराहना की गई है।

दक्षिण बंगाल सीमांत पूर्वी कमान के सबसे महत्वपूर्ण सीमांतो में से एक है, जो बांग्लादेश के साथ 913 किलोमीटर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा करता है, जो दक्षिण में एस्ट्यूरी पॉइंट से शुरू होकर मालदा जिले के उत्तरी भाग तक उत्तर की ओर सुंदरबन के साथ चलती है।

बीएसएफ के ऑपरेशनल उपलब्धियां:

इस वर्ष यानी 2022 के दौरान, साउथ बंगाल सीमांत ने ऑपरेशनल क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। बीएसएफ जवानों के अथक और लगातार प्रयासों से पशु तस्करी को शून्य स्तर तक पहुंचया है। अन्य सीमापार अपराधों पर भी काफी हद तक अंकुश लगा है।

दक्षिण बंगाल सीमांत की विभिन्न वाहिनियों ने कई उपलब्धियां प्राप्त की गई हैं:

(i) फेंसेडील बोतल संख्या = 2,37,585 मूल्य = 4,64,64,360/- रूपये

(ii) सोना = 105.9 किग्रा, मूल्य = 54,74,57,683/- रूपये

(iii) चांदी = 481.180 किग्रा, मूल्य = 2,50,74,961/- रूपये

(iv) गांजा = 2712 किग्रा.

(v) जाली भारतीय करेंसी नोट = 3,33,500/- रूपये

(vi) नारकोटिक्स = 35.8 किग्रा

(vii) याबा टैबलेट्स की संख्या = 10344, कीमत =  51,72,000/- रूपये

(viii) मवेशी = 1,030 नग 1,43,05,431/- रूपये

(ix) शस्त्र= 06 नग

(x) गोला बारूद= 05 नग

(xi) कुल जब्ती मूल्य:= 78,51,99,837/- रूपये

सीमा प्रबंधन में नवीनतम तकनीक और कम लागत वाले तकनीकी समाधानों का उपयोग:

ईएसवीपी (इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस फॉर वल्नरेबल पैच) के तहत परियोजना का व्यापक अध्ययन किया गया और कमजोर पैच की पहचान की गई। सीसीटीवी, बुलेट कैमरा, पीटीजेड कैमरा, ड्रोन सर्विलांस लगाकर इन पैच को कवर करने का काम प्रगति पर है।

सुंदरबन पर बेहतर काम के लिए फ्लोटिंग सीमा चौकियों की तैनाती:

इस वर्ष 06 और फ्लोटिंग बीओपी को सुंदरबन के मुहाने से लेकर बीओपी समशेरनगर तक शामिल किया गया, जिससे वर्चस्व कई गुना बढ़ गया और इसके परिणामस्वरूप सीमा पार अपराधों में कमी आई। बीएसएफ, सुंदरबन में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रोटोकॉल रूट से गुजरने वाले निर्यात/आयात जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।

बीजीबी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना और सीमावर्ती आबादी में विश्वास पैदा करना:

सीमा प्रबंधन के लिए सीमा सुरक्षा बल, सीमा आबादी और नागरिक प्रशासन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इन स्तंभों के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल के लिए बीएसएफ कई उपाय कर रहा है।

* साल 2022 के दौरान, बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश के बीच 02 आईजी स्तर की वार्ता, 04 सेक्टर कमांडर स्तर की बैठकें और 18 बटालियन कमांडर स्तर की बैठकें आयोजित की गईं। दो सीमा रक्षक बलों के बीच सहयोग और समन्वय का स्तर उच्चतम स्तर पर है।

* मैत्री साइकिल रैली सिलीगुड़ी से आईसीपी पेट्रापोल तक 550 किमी की दूरी तय कर आयोजित की गई।

बीएसएफ और बीजीबी के बीच मैत्री फुटबॉल मैच:

02 (सीमा चौकी महादीपुर, सीमा चौकी शिकारपुर)

बीएसएफ और बीजीबी के बीच वॉलीबॉल मैच:

02 (सीमा चौकी घोजाडांगा, सीमा चौकी गेडे)

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा सीमावर्ती आबादी के लाभ के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन:

(i) दक्षिण बंगाल सीमांत ने सीमा पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जिसमें मुख्य रूप से चिकित्सा शिविर, बुनियादी ढांचे का विकास, मानव संसाधन विकास, कौशल विकास और नागरिक कार्य कार्यक्रम शामिल हैं। साउथ बंगाल सीमांत ने 2021-22 में कुल 289 गतिविधियों का आयोजन किया। इस दौरान 53,852 सीमावासियोंं को लाभान्वित किया गया।

(ii) हरे और स्वच्छ पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम: सीमा सुरक्षा बल हमेशा पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में सबसे आगे रहा है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत सभी सेक्टर मुख्यालयों और बटालियनों ने इस ऑपरेशन में अग्रणी भूमिका निभाई। 05 जून, 2022 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर कर्मियों द्वारा सीमा क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इन कार्यक्रमों के दौरान बटालियनों के सीमा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए। दक्षिण बंगाल सीमांत, बीएसएफ ने अपने क्षेत्र में कुल 55,700 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था, जिसे तय समय में पूरा भी कर लिया गया। सीमा सुरक्षा बल भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।

(iii) हर घर तिरंगा अभियान:

आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में दक्षिण बंगाल सीमांत ने सीमावर्ती आबादी के बीच जागरूकता पैदा करना और एक राष्ट्र एक पहचान, राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना स्कूली छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर हर घर तिरंगा अभियान आयोजित किया गया।

(iv) शिक्षक दिवस-2022:

एक व्यापक “स्कूल आउटरीच कार्यक्रम” आयोजित किया गया था जिसमें 2 सितंबर, 2022 को शिक्षक दिवस से पहले दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ भीतरी इलाकों में 138 शैक्षणिक संस्थानों के 56,650 छात्रों ने भाग लिया था।

(v) अलंकरण समारोह:

अलंकरण समारोह 19 सितंबर, 2022 को विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, कोलकाता में आयोजित किया गया, जिसमें 42 बीएसएफ कर्मियों को श्री राजविंदर सिंह भट्टी, आईपीएस, एडीजी (पूर्वी कमान) द्वारा सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। डॉ. अतुल फुलझेले, आईपीएस, महानिरीक्षक, दक्षिण बंगाल सीमांत ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। पदक प्राप्त करने के लिए समारोह में 35 सेवारत कर्मियों और 07 सेवानिवृत्त सदस्यों ने भाग लिया। अलंकरण समारोह के दौरान बीएसएफ के अधिकारी, जवान और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे।

vi) सीमा दर्शन कार्यक्रम:

बीएसएफ ने छात्रों के लिए सीमा दर्शन कार्यक्रम शुरू किया, जिसके तहत उन्हें बॉर्डरमैन के जीवन को समझने, आईसीपी पेट्रापोल में रिट्रीट समारोह देखने और सीमा चौकी कल्याणी की यात्रा का अवसर प्रदान किया गया।

vii) खेती के काम के लिए वर्चस्व की रेखा से आगे जाने वाली महिलाओं की तलाशी के लिए महिला प्रहरी की तैनाती ने न केवल सीमा पार अपराधों को कम किया बल्कि सीमावर्ती आबादी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में बहुत मदद की।

viii) बेहतर आईसीपी प्रबंधन:

आईसीपी पेट्रापोल, घोजडांगा और एलसीएस महादीपुर में सुविधा पोर्टल के कार्यान्वयन के साथ, दक्षिण बंगाल के तहत आईसीपी/एलसीएस के माध्यम से माल ट्रक का प्रवाह सुचारू हो गया है।  इससे न केवल आईसीपी/एलसीएस पर भीड़ कम हुई है बल्कि व्यापार गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है और सीमा पार अपराध में कमी आई है। बीएसएफ ने इन बढ़ी हुई गतिविधियों के साथ गति बनाए रखी है।

सीमा सुरक्षा बल अपने आदर्श वाक्य “जीवन पर्यंत कर्तव्य” के साथ “रक्षा की पहली पंक्ति” के रूप में भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं की रक्षा के लिए चौबीसों घंटे प्रतिबद्ध है।

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