गंगासागर में NDRF ने तलाशा यात्रियों से भरे दो स्टीमर, 3  घंटे तक चल सर्च

National West Bengal

कोलकाता : इस बार का गंगासागर मेला पहले के दिनों की याद दिला रहा है। कई  साल पहले गंगासागर मेले के दौरान नौका डुबकी की घटनाएं घटती थी। आज के इस जमाने में अब गंगासगार मेला हाईटेक हो गया है। नौका डुबी की घटनाएं ना हो या नदी में लापता ना हो इसके लिए स्टीमरों में जीपीएस (Global Positioning System) सिस्टम लगाये गये हैं । पर प्रकृतिक आपदा के सामने विज्ञानकी भी फेल है।


जानकारी के अनुसार रविवार को भी तीर्थयात्रियों से भरे दो स्टीमर रास्ता गंगासागर जाने के दौरान नदी में भटक गये थे। सही समय पर एनडीआरएफ के दल की की सतर्कता के चलते दोनो स्टीमरों  को डुबने से बचा लिया गया।


बता दें कि  शुक्रवार को लॉट आठ से कचुबेरिया की तरफ (गंगासागर से जाने के दौरान)जा रहे पांच स्टीमर रास्ता भटक गये।


जानकारी के अनुसार, रविवार रात कचुबेरिया से लॉट आठ की ओर जा रहे दो स्टीमर रास्ता भटक गये थे। इनमें  लगभग 300 तीर्थयात्री सवार थे । इस बारे में सुन्दरवन विकास मंत्री सागरद्वीप के विधायक बंकिम हाजरा ने बताया कि, घने कोहरे के कारण नामखाना से वेणुवन यानी गंगासागर की ओर जा रहे दो स्टीमर भट गये थे।


दोनो स्टीमर नारायणपुर से घोरामारा द्वीप (सुन्दरवन में सागर ब्लॉक का हिस्सा) की ओर बढ़ गये था। बीच नदी में पानी कम होने के कारण दोनों स्टीमर फंस गये थे।


मंत्री ने बताया कि कोहरे के कारण जीपीएस काम करना बंद कर दिया था. इस कारण घटना घटी. इसलिए कंट्रोल रुम के साथ स्टीमरों का संबंध टूट गया था. बाद में इसकी सूचना कंट्रोल रुम ने जिला प्रशासन और एनडीआरएफ को दी. इसके बाद दोनों स्टीमरों को वापस नामाखाना लाया गया।

तीन घंटे चला सर्च आपरेशन
गंगासागर मेले में एनडीआरएफ के वरिष्ट अधिकारी सुधीर द्विवेदी ने बताया कि सर्च ऑपरेशन करीब तीन घंटे तक चला।  स्टीमर में लगे जीपीएस ने  भी  सिंगल देना बंद कर दिया था। जीस वजह से एनडीआरएफ के जवानों को स्पीड बोर्ड लेकर नदी में उतरना पड़ा। सर्च लाइट और व्हिसल बजा कर स्टीमरों की तलाश की गयी। जिसके बाद लापता सटीमर को सुरक्षित जेटी तक पहुंचाया गया। 


नहीं है वॉकीटॉकी फोन
एक स्टीमर चालक ने बताया कि उनके पास तकनीक  की कमी है। स्टीमर में सिंगनलिंग  के लिए केवल जीपीसीएस सिस्टम ही एक सहारा है। पर रात को घने कोहरे मे इस सिस्टम से मदद नहीं मिली। मोबाइल फोन का नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा था। ऐसी हालत में कंट्रोल रुम से भी संपर्क नहीं हो पा रहा था। एसी परिस्थितियों के लिए वॉकीटॉकी उपलब्ध कराये जाने की काफी जरूरत है।


परिवहन मंत्री ने बताया
सागरद्वीप में परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि, गंगासागर मेले के लिए करीब 150 बार्ज और स्टीमर की व्यवस्था रखी गयी । सभी में जीपीएस सिस्टम लगे हुए हैं। पर घने कोहरे में जीपीएस काम नहीं करता है। जिस वजह से कंट्रोम रुम से स्टीमरों का संपर्क टूट गया था।  एनडीआरएफ ने दोनों स्टीमरों को सुरक्षित नामखाना तक पहुंचाया।

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