कोलकाता : पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल डॉ सी वी आनंद बोस ने वर्तमान उपराष्ट्रपति और राज्यों के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ की परंपरा को तोड़ते हुए राजभवन कोलकाता में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से मंगलवार को मुलाकात की है।
पहले जब जगदीप धनखड़ राज्यपाल थे तब वह सीधे कुलपतियों को बैठक के लिए बुलाते थे लेकिन नवनियुक्त राज्यपाल ने संवैधानिक रीति को मानते हुए राज्य शिक्षा विभाग के जरिए राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आमंत्रण भेजा था।
उसी के मुताबिक मंगलवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और शिक्षा सचिव की मौजूदगी में 30 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के शामिल होने की बात थी। हालांकि केवल 24 विश्वविद्यालयों के कुलपति पहुंचे। राज्यपाल के ओएसडी शिवप्रसाद ढाउरिया ने बताया कि 24 विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
नए राज्यपाल की नियुक्ति के बाद यह पहली बार है जब उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। हालांकि इसमें रायगंज विश्वविद्यालय की कुलपति संचारी रॉय मुखर्जी, हायर एजुकेशन काउंसिल के वाइस चेयरमैन कौशिकी दासगुप्ता, संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति अनुराधा मुखर्जी, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति सुब्रत कुमार दे, बांकुड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति देवनारायण बनर्जी, गौरबंग विश्वविद्यालय की कुलपति शांति छेत्री, हरिचंद गुरुचंद विश्वविद्यालय के कुलपति तपन कुमार विश्वास इस बैठक में शामिल नहीं हुए।
राजभवन सूत्रों ने बताया है कि कुलपतियों के साथ राज्यपाल की यह बैठक काफी सकारात्मक माहौल में हुई है और संतोषजनक रही है। यहां से निकलने के बाद शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने मीडिया से भी बात की और कहा कि अब राजभवन से कोई टकराव नहीं है। सरकार और राज भवन एक साथ मिलकर बेहतरी के लिए काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले जगदीप धनखड़ के राज्यपाल रहते राज्य सरकार के साथ काफी तकरार होता था जिसके बाद राज्य सरकार ने राज्यपाल को कुलाधिपति के पद से हटाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पास किया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस पद पर रखा जाना था लेकिन आज की बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने इस बात के संकेत दिए हैं कि उस नियम का क्रियान्वयन नहीं होगा।