कोलकाता: हर बार की तरह नए साल में फिर से दक्षिण कोलकात ईकाई की महिला काव्य मंच ने अपना ऑनलाइन मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरूवात शशि लाहोटी ने दीप प्रज्वलीत कर किया। जिसके बाद सीमा गुप्ता ने सभी सदस्यों का स्वागत किया ।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मनोरमा बघेल ने सरस्वती वंदना कर मंच को भक्तिमय कर दिया। पश्चिम बंगाल की महिला काव्य मंच की अध्यक्षा आरती सिंह ने सभी सदस्याओं के योगदान को काफी सराहा। शोभा सतीश पाठक ने मंच का संचालन बखूबी निभाया एवं पुरे कार्यक्रम को मंजिल तक पहुँचाया | कार्यक्रम की अध्यक्षता डाक्टर उषा पांडे ने किया। उषा पांडे ने सभी के रचनाओं पर सकारात्मक टिप्पणी की।
कार्यक्राम के शुरूवात में ही मंच पर स्वर्गीय कपिल आर्य को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। सभी कवियित्रियों ने उनके साथ बिताए गए लम्हों को याद किया।
विषय था “बसंत पंचमी”
“पीले पीले सरसो के फूल पीली उड़े पतंग।
गाओ सखी होकर मगन आया है बसंत।।
आज के इस कार्यक्रम में सभी कवयित्रियों की प्रस्तुति एक से बढ़कर एक रही | पीली परिधान में सजी कवियत्रीओं ने मंच पर मानों बसंत की बहार बिखेर दी थी।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन रेणु मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाली कवयित्रियां थीं। आरती सिंह, सिलीगुड़ी से बबिता अग्रवाल, सीमा गुप्ता, शशि लाहोटी, रेणु मिश्रा, दर्शना शर्मा, डाक्टर उषा पांडे, सविता भुवानिया, भुवनेश्वर से नीलम जैन, कर्नाटक से नीतू दाधीच, प्रसन्ना चोपड़ा, शोभा देवी ,कर्नाटक से सुशीला चनानी, शशि सराफ, आगरा से मनोरमा बघेल और शोभा पाठक मुंबई के अलीबाग से मौजूद रही।