कोलकाता : मकर संक्रांति पर गंगासागर में पुण्य स्नान के लिए अब तक देश-विदेश से 39 लाख श्रद्धालुओं पहुंच चुके है। सिर्फ एक दिन में ही आठ लाख से ज्यादा तीर्थयात्री गंगासागर पहुंचे। मंत्री अरूप बिश्वास बात की जानकारी दी।
मंत्री ने फिर एक बार दावा किया कि गंगासागर मेले का आयोजन कई मामलों में अनूठा है। इसलिए इसे राष्ट्रीय मेला घोषित किया जाना चाहिए। राज्य सरकार अब तक मेले के आयोजन में अनुमानित रूप से 150 करोड़ रूपए खर्च कर चुकी है।
40 हजार वर्ग मीटर जमीन सागर को बांध कर निकाली गई है। ये अस्थाई व्यवस्था मेले के आयोजन को लेकर की गई है। रेत के बोरों , बास बल्लियों जैसे अवरोधकों के सहारे की गई इस व्यवस्था की बदौलत ही अलग अलग इलाकों में सेवा शिविर व अन्य जनोपयोगी अस्थाई निर्माण हो पाए हैं।
सागरद्वीप पहुंचकर कपिल मुनि आश्रम तक पहुंचने के लिए सड़कों पर कुल 11 – बफर जोन बनाए गए हैं। वाहन की रियल टाइम लोकेशन जानने के लिए मेले के कार्ये में लगे बलों में जीपीएस लगाया गया है।
धुंध के चलते गुरुवार रात नौ बजे से शुक्रवार की सुबह नौ बजे तक लांच सेवा बंद रही। नदी के दोनों किनारों पर हजारों यात्री इंतजार करते रहे। इधर लांच सेवा बंद रहने से प्रशासन ने बफर जोन से वाहनों को नियंत्रित किया। सुबह नौ बजे के बाद जल परिवहन में तेजी लाने के लिए रिजर्व में रखे गए 10 वेसल व 20 लांच उतारीं गईं।
इस बार गंगासागर में कोडेड हाथ पट्टी के जरिए डेढ़् लाख बच्चों व महिलाओं को अपने दल से बिछड़्ने की हालत में उनसे मिलाने के लिए उपयोगी कोडेड हाथ पट्टी दी गई। कलाई में बांधी जाने वाले इस पट्टी के सहारे उनके विवरण इलेक्ट्रानिक तौर पर सहेजे गए।
गंगासागर तट पर आयोजित सागर प्रवचन नामक धार्मिक कार्यक्रम में अबतक आठ देशों का प्रतिनिधित्व हो चुका है। इनमें यूएएस, यूके, युूक्रेन, आस्ट्रेलिया, रशिया, स्पेन ब्राजील व न्यूजीलैंड के प्रतिनिधि शामिल हैं।