कोलकाता: उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास अवैध तरीके से सीमा पार करने का प्रयास कर रही एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सियासत भी गरमा गई है।
बीएसएफ पर हमलावर रहने वाली राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना के बाद केंद्र व बीएसएफ को घेरते हुए घटना की कड़ी निंदा की है। शनिवार को तृणमूल के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं, और दूसरी तरफ, सीमा पर क्या हो रहा है?
उन्होंने केंद्रीय बलों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की देखरेख में जिस तरह इनका गलत इस्तेमाल हो रहा है, उसमें रक्षक भक्षक होता जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि घटना के खिलाफ रविवार को तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल बागदा में घटनास्थल का दौरा करेगी। इसके साथ ही तृणमूल वहां एक विरोध रैली भी निकालेगी। जुलूस का नेतृत्व तृणमूल प्रदेश महासचिव कुणाल घोष कर सकते हैं।
कुणाल घोष ने पिछले साल केंद्र द्वारा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने का भी जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र बीएसएफ के जरिए राज्य पर अपना अधिकार बढ़ा रही है, और इसका परिणाम है कि सीमा पर एक मां से सामूहिक दुष्कर्म किया जा रहा है। उन्होंने इसी के साथ आरोप लगाया कि भाजपा के लोग मवेशी व कोयला तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं। घोष ने सवाल किया कि सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है, फिर मवेशी तस्करी जैसी घटनाएं क्यों हो रही है?
वहीं, तृणमूल की महिला सांसदों व मंत्रियों ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए इस घटना को अस्वीकार्य बताया है। राज्य की महिला व शिशु कल्याण मंत्री एवं तृणमूल की वरिष्ठ नेता डॉ. शशि पांजा ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की निगरानी में भारतीय महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। प्रधानमंत्री नारी शक्ति और महिलाओं के सम्मान पर लंबा भाषण देते हैं, जबकि वास्तविकता बहुत अलग है। मोदी जी आप किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं? वहीं, तृणमूल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि रक्षा और अर्धसैनिक बल जो हमारी रक्षा करते रहे हैं, वे अब जघन्य अपराध कर रहे हैं। एक महिला से दुष्कर्म पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम इस तरह के गलत कामों के गहन जांच और सजा की मांग करते हैं।