दरभंगा में AIIMS के निर्माण में
षड्यंत्र का आरोप, प्रतिवाद में धरना को मिला जनसमर्थन

Kolkata State West Bengal

कोलकाता/ पटना : दरभंगा मिथिला का हृदय स्थली है। केन्द्र सरकार के द्वारा दरभंगा के डीएमसीएच के सन्निकट दरभंगा एम्स की स्थापना हेतु 2015-2016 के बजट में कैबिनेट द्वारा मंजूर किए जाने और तत्पश्चात बिहार सरकार द्वारा इसके लिए 81 एकड़  जमीन हस्तनांतरण किये जाने बाद निचले भूमि में मिट्टी भराई का कार्य तकरीबन समाप्त होने के बावजूद राज्य सरकार की शिथिलता के कारण एम्स का निर्माण कार्य बंद पड़ा है। 

दरभंगा में एम्स निर्माण के प्रति   बिहार सरकार के उदासीन रवैए और राजनैतिक षड्यंत्र के प्रतिवाद में मिथिलवासियों के संग भारत के विभिन्न राज्यों मे  मैथिली, मिथिला और मिथिला के सर्वांगिन विकास के मुद्दों पर कार्यरत मैथिली संस्थाओं के द्वारा गोलबंद होकर बिहार विधान सभा सत्र प्रारंभ होने के प्रथम दिन 27 फरवरी, सोमवार को  पटना के गर्दनी बाग में धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरना कार्यक्रम में मिथिला विकास परिषद, कोलकाता ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

धरना का नेतृत्व मिथिला विकास परिषद, कोलकाता के अध्यक्ष अशोक झा एवं विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैद्यनाथ चौधरी ने किया। धरना में भारत के विभिन्न मैथिली अनुरागी संस्थाओं के अलावा मिथिला के विभिन्न गांव एवं प्रखंडों से सभी वर्ग के लोगों ने भाग लिया। धरना पर बैठे लोगों ने दरभंगा एम्स के निर्माण कार्य के प्रति राज्य सरकार के द्वारा किये जा रहे षड्यंत्र और साजिश के प्रतिवाद में जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द काम शुरू करने की मांग की।


धरना के दौरान दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर अपने सहयोगियों के संग धरना स्थल पर पहुंचे और दरभंगा में एम्स के निर्माण की मांग पर धरना दे रहे लोगों को अपना नैतिक समर्थन देते हुए इसे न्यायोचित बताया। गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने दरभंगा एम्स की स्थापना हेतु 15 सितंबर, 2020 को 12,364 करोड़ रुपये आवंटित किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रस्तावित एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन में से बिहार सरकार के द्वारा 81 एकड़ जमीन देने और उस जमीन पर मिट्टी भराई का कार्य पूरा हो जाने एवं दरभंगा एम्स के निदेशक की नियुक्ति के बाद भी बिहार सरकार के द्वारा एम्स के निर्माण हेतु द्वितीय चरण का 69 एकड़ जमीन आवंटित नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नही चाहते हैं कि दरभंगा में एम्स की स्थापना हो। बिहार सरकार इस एम्स को दूसरे स्थान पर ले जाने का राजनीतिक षड्यंत्र कर रही है।

मिथिलावासियों की भावनाओं के संग खिलवाड़ किया जा रहा

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा दरभंगा एम्स की स्थापना हेतु जमीन देने हेतु बार- बार कहे जाने के वावजूद बिहार सरकार जमीन देने के बजाय दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल को प्रन्नोत्ति किये जाने का प्रस्ताव भेज रही है, जिसे केंद्र सरकार बार- बार निरस्त करता रहा है। उन्होंने कहा कि दरभंगा में प्रस्तावित एवं स्वीकृत एम्स स्थल पर एम्स स्थापना हेतु 9 जुलाई ,2019 को लोकसभा में  उन्होंने प्रश्न उठाया था और इस संदर्भ में 26 अक्टूबर, 2019 को उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके पटना निवास स्थल एक, अन्ने मार्ग पर स्वयं भी भेंट कर स्थिति से उन्हें अवगत कराया था, जिसे उन्होंने  स्वीकार करते हुए सहमति प्रदान की थी। लेकिन, इन तमाम प्रक्रियाओं के बाद भी बिहार के मुख्यमंत्री के द्वारा दरभंगा एम्स के मुद्दे पर वृहतर राजनैतिक खड्यंत्र कर मिथिलावासियों की भावनाओं के संग खिलवाड़ किया जाना वदनीयति का द्योतक और  पुख्ता प्रमाण है।

मुख्यमंत्री पर डाक्टरों और दो नंबर के दवा विक्रताओं के संग आर्थिक सांठगांठ का लगाया आरोप

इस मौके पर मिथिला विकास पारिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक झा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दरभंगा एम्स के  प्रस्तावित स्वीकृत स्थल से दूसरे जगह एम्स की स्थापना किये जाने की साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दरभंगा मेडिकल कालेज के कथित माफिया डाक्टरों और दो नंबर के दवा विक्रताओं के संग आर्थिक सांठगांठ कर उनकी भाषा बोल रहे हैं।

धरना में बिहार विधान सभा मे विरोधी दल के नेता विजय सिन्हा, बिहार विधान पर्षद के नेता सम्राट चौधरी, भाजपा सांसद राम कृपाल यादव, सांसद, विधायक संजय सरावगी, विधायक वीरेंद्र पासवान, विधायक राम चंद्र साह, विधायक मुरारी मोहन झा, विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल समेत दर्जनों
विधायकों व अन्य लोगों ने हिस्सा लेकर अपना नैतिक समर्थन दिया।

धरना में काफी संख्या में मिथिलावासीयों ने शिरकत की, जिसमें प्रोफेसर उदय शंकर मिश्रा, कोलकाता से गए रघुनाथ चौधरी, विनोद झा, मदन चौधरी, हरि नारायण राय, बिंदेश्वर राय, पोसनजीत सिंह, अशोक झा (2) विकास झा, इंद्र कुमार यादव,  राम विलास मंडल, रुदल राय, मोहन चौधरी, अशोक चौरसिया, चंदन झा, धर्म शिला, राजन झा, अनुपमा झा, मोहन चौधरी, बुचरु पासवान समेत अन्य शामिल हैं।

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